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बिहार के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात (X/WRD_Bihar) |
नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश का असर नेपाल में भी दिखाई दे रहा है। बिहार सरकार वाटर डिपार्टमेंट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह 5 बजे कोसी बराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह 1968 के बाद सबसे ज्यादा है। वाटर डिपार्टमेंट की तरफ से बताया गया है कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीमें दिन- रात एक्टिव हैं। उनकी तरफ से आम लोगों को भी एक्टिव रहने के लिए कहा गया है।
आकाशवाणी पटना द्वारा X पर दी गई जानकारी के अनुसार, कोसी और गंडक बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की आशंका को देखते हुए 13 जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। कई निचले इलाकों बाढ़ का पानी फैल गया है। आकाशवाणी ने बताया है कि शिवहर में बागमती नदी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है। इसके अलावा उत्तर बिहार के कई जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
बिहार में बाढ़ को लेकर क्या है अपडेट?
बिहार के शिवहर जिले के बेलवा इलाके में बांध निर्माण के लिए बागमती नदी पर बनाया गया तटबंध बहुत ज्यादा पानी के दबाव की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
अररिया जिले में भी परमान नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। यहां न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में एक स्थानीय तारकचंद मुखिया ने बताया कि उनके गांव बधवा के लोग सड़क की तरफ जा रहे हैं क्योंकि उनके घरों में पानी भर गया है। पानी की वजह से अनाज और दालें पूरी तरह से खराब हो गए हैं।
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जोगबनी रेलवे स्टेशन पर भी जलभराव की खबर है। अररिया जिले में बाढ़ जैसे हालात बताए जा रहे हैं।
मधुबनी के जयनगर से गुजरने वाली कमला नदी सुबह 6 बजे खतरे के निशान से 36 सेमी उपर 69.70 मीटर पर बह रही थी।
राजद की सांसद मीसा भारती ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि कोसी के बैराज के सारे गेट खोल दिए गए हैं। पानी का स्तर काफी ऊपर है। उम्मीद है कि बिहार सरकार और उनके सारे मंत्री किसी भी स्थिति के लिए तैयार होंगे।